कह दिया होता तुम अमानत है किसी और के
तो की नही होती हम मूहोब्बत इतनी आप से
अब कहने से भी क्या है फ़ायदा
लहू जो निकाली है आप ने हमारे दिल से
- विनीत मोहनदास
तो की नही होती हम मूहोब्बत इतनी आप से
अब कहने से भी क्या है फ़ायदा
लहू जो निकाली है आप ने हमारे दिल से
- विनीत मोहनदास
एक चाँद को चाहा था हम ने
और नूर उसकी अपने आँखों मे बसाया था
मगर हमे था क्या पता
वह था पहले से आस्मान के बाहोमें
और नूर उसकी अपने आँखों मे बसाया था
मगर हमे था क्या पता
वह था पहले से आस्मान के बाहोमें
- विनीत मोहनदास
मरने केलिए हम है
तो कोई दूसरा मारे क्यों
मिटने केलिए हम है
तो कोई दूसरा मिटे क्यों
प्यार करने की जुरत की थी
मेरे इस कम्बक्त दिल ने
उसकी साज़ा दूसरों को भूकतना क्यों
क्या ज़ख़्म दिया था उसने
एक ही वार से
फिर रोते रोते भी यह दिल
उसका नाम लेता है क्यों
तो कोई दूसरा मारे क्यों
मिटने केलिए हम है
तो कोई दूसरा मिटे क्यों
प्यार करने की जुरत की थी
मेरे इस कम्बक्त दिल ने
उसकी साज़ा दूसरों को भूकतना क्यों
क्या ज़ख़्म दिया था उसने
एक ही वार से
फिर रोते रोते भी यह दिल
उसका नाम लेता है क्यों
- विनीत मोहनदास
प्यार होते है क्या यह हमसे पूछो
दर्द होते है क्या यह हमसे पूछो
बहुत दुकता है यह दिल जब बिछूड़ते है वो
अब यह दर्द सहे कैसे यह हमसे पूछो
दर्द होते है क्या यह हमसे पूछो
बहुत दुकता है यह दिल जब बिछूड़ते है वो
अब यह दर्द सहे कैसे यह हमसे पूछो
- विनीत मोहनदास
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